मोदी सरकार का अहम फैसला, अब शिक्षकों को ‘ज्ञान’ के लिये भेजा जायेगा विदेश

New Delhi : Ministry of Human Resource ने Global initiative of academic network (ज्ञान) कार्यक्रम के तहत भारतीयशिक्षकों को भी दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में भेजने का फैसला किया है। इस कार्यक्रम के अगले चरण को अमलीजामा पहनाने केलिए Ministry ने तैयारी शुरू कर दी है।

अभी इस कार्यक्रम के तहत सिर्फ विदेशी शिक्षकों को भारत बुलाया जाता है। विदेशी शिक्षक देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एक तयसमय तक पढ़ाने का काम करते हैं। कार्यक्रम के तहत पिछले साल 800 से ज्यादा विदेशी शिक्षक भारत आए।

ज्ञान कार्यक्रम के अगले चरण के तहत विदेशी संस्थानों में कुछ समय के लिए पढ़ाने के इच्छुक भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों केशिक्षकों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। हालांकि, भारतीय शिक्षकों को सिर्फ उन्हीं देशों या संस्थानों में भेजा जाएगा, जहां मौजूदा समय में सबसेज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और वहां के संस्थानों से मांग भी आई है। इस दृष्टि से भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) आदि के शिक्षकों की मांग सबसे ज्यादा है।

सरकार का मानना है कि यदि ज्ञान कार्यक्रम का नया चरण सफल रहा, तो विदेश में भारतीय शिक्षकों के लिए नई राह खुलेगी। वेविदेशी संस्थानों के अध्ययन के तरीके (स्टडी पैटर्न) को अच्छे से समझ सकेंगे, जो बाद में उनके संस्थानों को उसी स्तर पर खड़ा करने मेंमददगार साबित होगा।

पहले किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान को विदेशी शिक्षकों को बुलाने अथवा अपने शिक्षकों को विदेश भेजने के लिए विश्वविद्यालयअनुदान आयोग (यूजीसी) और मंत्रालय स्तर पर अनुमति लेनी होती थी। इसमें संस्थानों का काफी समय खराब होता था। साथ ही उन्हेंएक लंबी प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता था। ज्ञान कार्यक्रम की शुरुआत के बाद विदेशी शिक्षकों को बुलाने की प्रक्रिया आसान हो गई।

इच्छुक संस्थानों को इसके लिए अब सिर्फ ऑनलाइन अनुरोध करना होता है जो सीधे संबंधित संस्थान तक को भेज दिया जाता है। बादमें शिक्षकों की उपलब्धता के आधार पर उनका कार्यक्रम तय हो जाता है। हालांकि, भारतीय शिक्षकों के सामने अध्यापन कार्य के लिएविदेश जाने की प्रक्रिया में पेचीदगी बरकरार हैं, जिसका ज्ञान कार्यक्रम के नए चरण के जरिये निराकरण किया जाएगा।

यूजीसी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो मंत्रालय ने यह सारी कवायद भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों कोविश्वस्तरीय रैकिंग में पहुंचाने के लिए शुरू की है।

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