कश्मीर में सबको बराबरी का हक- 11 नये केंद्रीय कानून प्रभावी, 10 में बदलाव, चिटफंड पर नकेल

New Delhi : केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 11 नये केंद्रीय कानूनों को आज मंगलवार 6 अक्टूबर से प्रभावी कर दिया है। इसके अलावा पूर्व से प्रभावी 10 कानूनों में बदलाव किये गये हैं। नये केंद्रीय कानून प्रभावी होने से जम्मू कश्मीर में सभी लोगों को बराबरी का हक मिलेगा। लगभग हर मामले में। कहीं से कोई डिस्क्रिमिनेशन नहीं रह गया है। केंद्र सरकार ने कश्मीर में चिटफंड पर पूर्ण पाबंदी लगाने के लिये लाई गई अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक-2019 को भी वहां प्रभावी कर दिया है। इससे गरीबों को ज्यादा रिटर्न देकर विभिन्न योजनाओं से ठगने की चिटफंड कंपनियों की चालबाजियों पर रोक लगेगी।

इनमें से अधिकांश कानून आम लोगों की जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। पिछले साल जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से वहां के स्थानीय लोगों को बराबरी का हक देने की कोशिश हो रही थी। पूर्व में जम्मू कश्मीर में कोई कानून तभी प्रभावी हो पाता था जब जम्मू कश्मीर विधानसभा से वो पारित हो जाये। चूंकि धारा 370 और भी कई कानूनी बदलावों की वजह से कश्मीर को स्पेशल स्टेटस था ऐसे में कई केंद्रीय कानून वहां प्रभावी ही नहीं हो पाते थे। पिछले वर्ष ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद दो कश्मीर में दो केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया। जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख।
जम्मू और कश्मीर में अब जो केंद्रीय कानून प्रभावी हुये हैं, उनमें अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक-2019, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम-1996, ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम-1970, कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 और औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम-1946 शामिल हैं।
इनके अलावा जो अन्य कानून लागू होंगे, उनमें मोटर परिवहन कर्मचारी अधिनियम-1961, फार्मेसी एक्ट-1948, विक्रय संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) अधिनियम-1976, पथ विक्रेता (जीविका सुरक्षा एवं पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम-2014 और व्यवसाय संघ अधिनियम-1926 भी शामिल हैं।

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