New Delhi : गलवान घाटी में संघर्ष के बाद भारतीय वायुसेना को अलर्ट पर रखे जाने से खौफजदा चीन ने भी तिब्बत में पड़ने वाले तीन एयरफोर्स स्टेशनों पर लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ा दी है। इस वक्त दोनों देशों की वायुसेनाएं हाई अलर्ट पर हैं। सूत्रों के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट तिब्बत में तीन एयरपोर्ट न्यगेरी, शिगात्से तथा नाइग्ची हाई अलर्ट पर रखे गये हैं। यहां युद्ध विमानों की तैनाती की गई है।
यह कदम पिछले तीन से चार दिनों के भीतर उठाया गया है तथा लगातार इन एयरपोर्ट पर बड़े पैमाने पर लड़ाकू विमानों की गतिविधियां देखी गई हैं। भारतीय वायुसेना की तैयारियों से बौखलाकर चीन ने यह कदम उठाया है। चीन के किसी भी पैंतरे का जवाब देने के लिए जहां सेना को एलएसी पर खुली छूट दी है। वहीं वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा है।
After military talks, India, China may engage in diplomatic talks soon
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— ANI Digital (@ani_digital) June 22, 2020
लेह, श्रीनगर से लेकर पूर्वोत्तर में चीन सीमा के निकट पर पड़ने वाले कई एयरबेस को अलर्ट किया गया है। अत्याधुनिक सुखोई, मिराज लड़ाकू विमानों के साथ-साथ अपाचे हैलीकाप्टरों की तैनाती की गई है। दो दिन पहले ही वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी कहा था – चीनी वायुसेना की असामान्य गतिविधियां एलएसी की दूसरी तरफ देखी गई हैं जिसके बाद वायुसेना ने अपनी तैयारियां तेज की हैं।
लेकिन अब साफ है कि चीन लगातार अपनी तैयारियां बढ़ा रहा है। दोनों देशों के वायुसेना के हाईअलर्ट पर होने और युद्ध जैसी तैयारियों को लेकर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि युद्ध के लिए तैयारी ही युद्ध को टाल सकती है। जिस प्रकार की स्थितियां निर्मित हुई हैं, उसके मद्देनजर भारत की तैयारी रखना जायज है और चीन ने भी भारत के कड़े रुख को देखकर अपनी तैयारियां की होंगी, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए भी बातचीत जारी है, इसलिए युद्ध की आशंका नहीं है।
General Naravane discusses security situation with top army commanders
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इधर भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी खींचतान के बीच सोमवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई। एलएसी के दूसरी ओर चीन के हिस्से में मोल्डो इलाके में दोनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। यह बैठक करीब 12 घंटे के बाद खत्म हुई। जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में कुछ खास प्रभावी नतीजा नहीं निकल सका है।