आदर्श MLA-गांव-गांव पैदल घूम लोगों की कर रहीं मदद, बाकी MLA-MP तो सेल्फ क्वारैंटाइन हैं

New Delhi : सबको लगता है कि हमारा MLA-MP ऐसा हो जो हर मौके-बेमौके पास आये। सहयोग करे। कम से कम निसहाय लोगों की। क्षेत्र में विकास करे। पर आज जब सब कोरोना आपदा और लॉकडाउन में सब तड़प रहे हैं तो अधिकांश नेता घर में सेल्फ क्वारैंटाइन हैं। कभी कभी दिखते भी हैं तो टीवी पर बयान देने के लिये। लेकिन तेलंगाना की दानसारी अनसुया बहुत अलग हैं। वे जानती हैं कि उनका इलाका बहुत जटिल है। वे जंगल में गांव-गांव घूम रही हैं। सारे गांव। सारे टोला। और वो भी पैदल। किसी को छोड़ा नहीं है। कुछ भी छोड़ा नहीं है। ऐसे में अगर पूरे देश में उनकी तारीफ हो रही है तो आश्चर्य कैसा।

इंडियन एक्सप्रेस ने उनपर एक स्टोरी की है। माओवादी से विधायक बनीं दानसारी अनसूया खुद और उनकी टीम 20-25 किलोमीटर दूर स्थित इलाकों में पैदल ही मदद पहुंचा रही हैं। दानसारी अनसूया को इलाके के लोग प्यार से सीतक्का के नाम से बुलाते हैं। 80-90 के दशक में उन्होंने माओवादियों का साथ पकड़ लिया था। इस दौरान वो तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर राइफल लेकर घूमती रहीं। उसके बाद उन्होंने 1997 में आत्मसमर्पण कर दिया। फिर उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की और वारंगल जिला अदालत में अभ्यास शुरू कर दिया, लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और मंजूर था।
2018 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मुगुलु से चुनाव लड़ा और 23500 वोटों से जीत गईं। ये दूसरा मौका था जब वो चुनाव जीती थीं। मार्च में वो पीएचडी करने का मन बना रहीं थी, तभी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया। 26 मार्च को उनके मुलुगु स्थित कैंप कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग मदद की आस में पहुंचने लगे। तब उन्हें एहसास हुआ कि देश में गरीबी और भूख, महामारी से बड़ी समस्या है। उसके बाद उन्होंने गरीबों की मदद करने की ठानी।

14 मई तक उन्होंने अपनी टीम के साथ 475 गांवों को कवर किया। इस दौरान उन्होंने 25000 परिवारों को 70 हजार किलो चावल, 1.10 लाख किलो सब्जियां, 1000 लीटर तेल, 1000 किलोग्राम दाल और 500 किलो नमक की आपूर्ति की है। स्थानीय लोगों के मुताबिक 48 वर्षीय विधायक कभी ट्रैक्टर, तो कभी बैलगाड़ी या फिर कभी मोटरसाइकिल से राहत सामग्री ले जाती नजर आती हैं।

उन्होंने बताया – मेरे जिले के कुल नौ मंडलों में सात तो जंगली इलाके थे, जिसमें 650 गांव लॉकडाउन के बाद से राज्य के बाकी हिस्से से कट गये थे। इसके बाद मैंने फेसबुक और ट्विटर पर ‘GoHungerGo’ नाम से अभियान चलाया। लोगों से गरीबों की मदद करने की अपील की। बड़ी संख्या में लोगों ने टीम से संपर्क किया और गरीबों तक मदद पहुंचाई।

मुलुगु के उप रजिस्ट्रार तस्लीमा मोहम्मद ने बताया – दूरदराज के इलाके इस लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हैं। कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ की सीमा पर गोदावरी नदी के पास पहाड़ी पर स्थित पेनुगोलु गांव विधायक के साथ गये थे। इस दौरान 16 किलोमीटर का पैदल सफर जंगलों के अंदर से तय किया। इसके बाद उन्होंने वहां पर रह रहे 20 परिवारों को राशन और सब्जियां दी।

तस्लीमा के मुताबिक उस गांव में कई सालों से कोई जनप्रतिनिधि नहीं गया था। विधायक के टीम के सदस्यों के मुताबिक लगभग 90 गांवों तक सड़क नहीं हैं। वो रोजोना 7 बजे अपना काम शुरू करते हैं। इस दौरान वो 15-20 किलोमीटर जंगलों में पैदल चलकर लोगों तक मदद पहुंचाते हैं। तब जाकर एक दिन में 20 गांव कवर हो पाते हैं। अब जिले के लोग विधायक की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *